" जीवन की आशा ... "
थोड़ी चुप्पी थोड़ा दिलासा ...
बस यही है जीवन की आशा ...
माया में मग्न हुई है ...
छल से छली निराशा ...
मन से थोड़ी भारी सी ...
आँख में सबके खारी सी ...
रिश्तों की टोकरी में हारी सी ...
थोड़ी निराशा थोड़ी सी आशा ... !
खाली मुट्ठी मीठा बताशा ...
बस यही है जीवन की आशा ...
ख़ाबों में ख़त्म हुई है ...
सच से धुली निराशा ...
पेड़ से टूटी डाली सी ...
अफ़सोस में लिपटी गाली सी ...
भिक्षा के भरोसे की प्याली सी ...
थोड़ी निराशा थोड़ी सी आशा ... !!
थोड़ी चुप्पी थोड़ा दिलासा ...
बस यही है जीवन की आशा ... !!
********** विक्रम चौधरी *********