" होना ना उदास ...."
अहम् करेगा नाश
होगा ज्ञान का मज़ाक
मंथरा करेगी राज
पर तू होना ना उदास ...!
चिट्ठियाँ खुलेंगी फीकी
बातें होंगी जिसमें रूखी
लफ़्ज़ सलवटों से होंगे
होगा प्रेम का विनाश
पर तू होना ना उदास ...!
नौकरी मिलेगी झूंठी
पहरेदारी की अँगूठी
तनख्वाह लॉटरी पे होगी
होगा हौसला हताश
पर तू होना ना उदास ...!
मंज़िलें दिखेंगी भूंखी
राहें प्यासी होंगी खूं की
मुद्दा जीत का उठेगा
होगा मूहँफटों सा दास
पर तू होना ना उदास ...!
ख्वाहिशें बढ़ेंगी तीखी
होंगी कोशिशों से भीगी
क़िस्सा सरमुंडा सा होगा
होगा धैर्य का भी हास
पर तू होना ना उदास ...!
अहम् करेगा नाश
होगा ज्ञान का मज़ाक
मंथरा करेगी राज
पर तू होना ना उदास ...!!
*** विक्रम चौधरी ***
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