" तस्वीर कैसी ....."
ना करो छींटा कसी सबके यहाँ पर नाम हैं
देश की टूटी कमर पे उठते सबके पाँव हैं
छोड़ दो एक दूसरे पर थूकना मुहँ मारना
सीख लो आईना रख कर ख़ुद को भी फटकारना ...!!
जा के दूजे घर भी देखो एक बच्चा रो रहा
बाप उसका जाने किसके बोझ को यूँ ढो रहा
फ़र्क़ में पिसता अपाहिज़ आग में सिकता रहा
चन्द रुपयों की हवस में फ़ैसला बिकता रहा ......!!
देखो ये तस्वीर कैसी अपने हिन्दुस्तां की है
रोड पर फ़ैशन की फ़ोटो झुलसी सूरत माँ की है ...!!
एक तरफ़ सुनसान राहें दर्द और फाँके की हैं
एक तरफ़ मख़मल पे चलती रैलियाँ नेता की हैं
एक तरफ़ बेटी के पैदा होने पर ख़ुशियाँ यहाँ
एक तरफ़ बेटी की गरदन पर चली छुरियाँ भी हैं ....!!
एक तरफ़ कूल्हों के ऊपर कूल का ठप्पा भी है
एक तरफ़ तशरीफ़ रखने पर हुआ झगड़ा भी है
एक तरफ़ गाड़ी में कुत्ता है विदेशी मूल का
एक तरफ़ देशी नसल की साख़ पर लफ़ड़ा भी है ....!!
और भी हैं बातें कई पर रहने दो उनको वहीँ
वरना मुर्दे भी अदालत में खड़े हो जायेंगे
ढोल फिर फट जाएगा शिक़वे गिले हो जायेंगे ....!!
क्या यही सन्देश दुनियाँ को दिया जाए
क्या खोखले भारत का सच्चा ख़त पढ़ा जाए
या चलो मिल कर वतन को फिर जिया जाए
सत्य के धागों से फ़ितरत को सिला जाए ......!!
है ज़रा मुश्क़िल घड़ी सब एक हो जाओ
अब ना अपनी रूह के हिस्सों को तुम खाओ ....!!
*********** विक्रम चौधरी ************
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