" मिले ....."
ज़िन्दगी अच्छे तेरे गिले
जो माँगे वो भी मिले
जो ना माँगे वो भी मिले
मुट्ठी भर के तमाचे मिले
मिट्टी भर के बताशे मिले
नींद सुकूं से खाली मिली
झोली भर के तमाशे मिले
मिसाल को इरादे मिले
साथ ही झूठे वादे मिले
बारिश बिना सावन मिले
मरने के भी कारण मिले
दोस्त मिले दुश्मन मिले
लगाया सबको मैंने गले
चिट्ठी भर शिक़वे मिले
लड़ने को रिश्ते मिले
अंदाज़ मिले परवाज़ मिले
उड़ने को आकाश मिले
होंठ जब प्यासे मिले
खाली पड़े मटके मिले
ख़ाब मिले ख़्याल मिले
लिखने को काग़ज़ मिले
लफ़्ज़ मग़र उलझे मिले
ख़ालिस दुआ भी यूँ मिलती
दवा मिलती दया मिलती
जन्नत ना सही मेरे मौला
साँस लेती सुबह तो मिलती ...!!
****** विक्रम चौधरी *******
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